Sharda Sinha जिसको बिहार के स्वर कोकिला के नाम से हम सब जानते हैं। शारदा सिन्हा जी के Mundan Geet, Vivah Geet से लेकर Chath Geet में जिस सुरीले आवाज को हम सुनते आए हैं, वो मंत्र मुग्ध कर देता है।

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Sharda Sinha:
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिला के राघोपुर प्रखण्ड में हुआ था। ये भारत की सबसे प्रसिद्ध लोक गायिका है, जिसने भोजपुरी, मैथिली, मगही और हिंदी इत्यादि भाषाओं में गीतों को गाया है। इन्होने छठ गीतों और विवाह गीत को नई पहचान दिलाई है । शारदा सिन्हा अपनी मधुर आवाज के कारण से “स्वर कोकिला” के रूप में जानी जाती हैं। इनके लोकगीत बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड की लोकसंस्कृति का आईना हैं।
इनकी शादी 1970 में ब्रजकिशोर सिन्हा से हुआ था। जो एक शिक्षक और संगीत प्रेमी रहे हैं। परिवार का सहयोग उनकी गायकी में महत्वपूर्ण रहा है। जिंदगी के अंतिम क्षण में भी अस्पताल में रहते हुए एक छठ गीत “दुखवा मिटाई छठी मैया” अपने प्रशंसकों और छठी मैया से विनती के लिए गाया। इनकी मृत्यु 72 वर्ष की उम्र में 5 नवंबर 2024 को AIIMS, Delhi में हुआ।
प्रारंभिक जीवन
शारदा का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्हें संगीत में रुचि थी। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से संगीत में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा ली। उनकी गायकी में लोकसंगीत की मिठास और शास्त्रीय संगीत की तकनीक का अद्भुत मेल मिलता है।
sharda sinha vivah geet
आपके घर विवाह हो और शारदा सिन्हा का गीत ना बजे ये असम्भव है । इनके कुछ प्रसिद्ध विवाह गीत की सूची नीचे दिया गया-
- नजरियां ना लगे
- सीता के शकल
- हिया बसु
- माई ऐ अयोध्या
- कानी कानी बोल थिना
- सोना के रे डलवा में
- सुतल छलिये
- दुल्हिन धीरे धीरे
- रानी सुनैना
- द्वार के छिकाई
- बन्नी के हाथों में
- देखो दूल्हा
- सुंदर सहनो दूल्हा
- बैठी सोच करे
- कुछ शरमाये
- सोने की ऊखल
- जोगिनिया आओ ना
- बाबुल का घर
- पूरब दिशा से
- हरे हरे हरे दादा
- मोर बबुआ को नजरियो ना लागे
- हरदी हरदिया
- हरे-हरे दुभिया
- साँवर-साँवर सुरतिया तोहार दुल्हा
- हम ता मंगनी आजना-बाजन
- लोटावा जे कपेला
- सुना हो पाहुं
- घुंघट उठावे दुल्हिनिया
- होला चुमावन
- पिया के नगरिया
- हरे-हरे बाँस के मड़ुआ (मंडप गीत)
- नवल दूल्हा (परिछन गीत)
- हरि-हरि दुभिया (चुमावन गीत)
- कहवां से अइले (सिन्दूर दान गीत)
- हे राम दूल्हा बाबू (धन कुताई गीत)
- हथवा में लेला पाहुन (सिंदूर दान गीत)
- तोहरा चढ़ैब गे बेटी(हरदी गीत)
- अंचरा में बांधी चली (बिदाई गीत)
sharda sinha chhath geet
छठ गीत कितनी बार भी सुन लें, हर बार वही आनंद वही उल्लास देता है, और बात जब शारदा जी के छठ गीत का हो तो समझो उसमें चार चांद लग गया हो। उनके गाए हुए गीत छठ पूजा के समय घर-घर में बजते हैं। इनके कुछ छठ गीतों की सूची आपके साथ शेयर करता हूं, आप भी जरूर सुनें।
- बाँझी केवड़ावा धइले ठाढ़
- हो दीनानाथ
- छठी मैया आई ना दुआरिया
- पहिले पहिल छठी मैया
- उठौ सुरुज भइले बिहान
- केलवा के पात पर
- छठ के बरतिया
- बाट-घात सजी गइल आय हे
- कार्तिक महिनावां के
- कार्तिक मास इजोरिया
- छठी माई की महिमा
- गंगा जी के पनिया
- केहन समैया अइले
- नदिया के तीरे-तीरे
- सब मिलके आज बोलो
- सूरज के रथ मैया
- उगली किरनियां से
- भोरही सवैरे उगिह
- छठी मैया सुनिया
- चोट देवरनिया से
- जय छठी मैया
- झिलमिल पनिया में
- कहवाँ से अइले नारायलवा
- सुपवा लैल बुवा
- सूरज के सातो किरणिया
- महिमा बा रउरे अपार
- सकल जगतारिणी हे छठी मैया
- शिव के दुलारी गंगा
शारदा सिन्हा के लोकगीत
भोजपुरी लोकगीत
- भोरे भोरे हो पिया
- जहिया से सैंया मोरा
- का कारू का कारू
- कोठवा पर चढ़ी चढ़ी
- नजरिया हो झूमर
- पुरवा तोहरो नेहा
- रिमझिम खोल ना केवड़िया
त्योहार गीत
- बसहा चढ़ल शिवजी
- भोला लैल फूसला के
- माँ दुर्गा भवानी
- माता काली है
- भोला बाबा के दुअरिया
Stardum In Bollywood Song
शारदा सिन्हा जी ने छठ गीत, विवाह गीत, मुंडन गीत, लोक गीत के अलावा बॉलीवुड में भी बहुत ही खूबसूरत संगीत का योगदान दिया है।
- “मैंने प्यार किया” हिट फिल्म में शारदा जी के मधुर स्वर में “कहे तोहसे सजना” गीत
- ‘हम आपके हैं कौन” फिल्म में “बाबुल जो तुमने सिखाया” गीत
- “गैंग्स ऑफ वासेपुर” फिल्म सीरीज में एक सुंदर गीत है “तार बिजली” जो इन्हीं के द्वारा गाया गया है।
- “महारानी” वेब सीरीज में “निर्मोहिया” गीत सुनने को मिलता है।
Awards Won
पद्म श्री (1991) , पद्म भूषण (2018) और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से बिहार के स्वर कोकिला को सम्मानित किया गया।
सिन्हा जी ने बिहार के लोकगीतों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। प्रवासी भारतीय समुदाय में भी वे अत्यधिक लोकप्रिय हैं। उनका संगीत न केवल मनोरंजन है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का माध्यम भी है।
FAQ
Q. When did Sharda Sinha get the Padma Bhushan Award?
Ans- वर्ष 2018 में इन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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